POET: सुभद्राकुमारी चौहान | Subhadrakumari Chauhan

कोयल – सुभद्रा कुमारी चौहान | Koyal – Subhadra Kumari Chauhan

देखो कोयल काली हैपर मीठी है इसकी बोलीइसने ही तो कूक–कूक करआमों में मिसरी घोली कोयल कोयल सच बतलाओक्या संदेशा लाई होबहुत दिनों के बाद...

स्वागत-गीत – सुभद्राकुमारी चौहान | Swagat Geet – Subhadrakumari Chauhan

कर्म के योगी, शक्ति-प्रयोगी,देश-भविष्य सुधारिएगा।हाँ, वीर-देश के दीन देश के,जीवन-प्राण पधारिएगा। तुम्हारा कर्म—चढ़ाने को हमें डोर हुआ।तुम्हारी बातों से दिल में हमारे ज़ोर हुआ।तुम्हें कुचलने...

राखी की चुनौती – सुभद्राकुमारी चौहान | Rakhi Ki Chunauti – Subhadrakumari Chauhan

बहिन आज फूली समाती न मन में।तड़ित् आज फूली समाती न घन में॥घटा है न फूली समाती गगन में।लता आज फूली समाती न वन...

वीरों का कैसा हो बसंत – सुभद्रा कुमारी चौहान | Veeron Ka Kaisa Ho Basant – Subhadra Kumari Chauhan

आ रही हिमालय से पुकारहै उदधि गजरता बार-बारप्राची पश्चिम भू नभ अपारसब पूछ रहे हैं दिग-दिगंत-वीरों का कैसा हो बसंत Aa rahi himalay se pukarHai...

झाँसी की रानी की समाधि पर – सुभद्राकुमारी चौहान | Jhansi Ki Rani Ki Samadhi Par – Subhadrakumari Chauhan

इस समाधि में छिपी हुई है, एक राख की ढेरी |जल कर जिसने स्वतंत्रता की, दिव्य आरती फेरी ||यह समाधि यह लघु समाधि है,...

झांसी की रानी – सुभद्राकुमारी चौहान | Jhansi Ki Rani – Subhadrakumari Chauhan

सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी,गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,दूर...

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