HomePoetsसुभद्राकुमारी चौहान | Subhadrakumari Chauhanस्वागत-गीत - सुभद्राकुमारी चौहान | Swagat Geet - Subhadrakumari...

स्वागत-गीत – सुभद्राकुमारी चौहान | Swagat Geet – Subhadrakumari Chauhan

- ADVERTISEMENT -

कर्म के योगी, शक्ति-प्रयोगी,
देश-भविष्य सुधारिएगा।
हाँ, वीर-देश के दीन देश के,
जीवन-प्राण पधारिएगा।

तुम्हारा कर्म—चढ़ाने को हमें डोर हुआ।
तुम्हारी बातों से दिल में हमारे ज़ोर हुआ।
तुम्हें कुचलने को दुश्मन का जी कठोर हुआ।
तुम्हारे नाम का हर ओर आज शोर हुआ॥
हाँ, पर-उपकारी, राष्ट्र-विहारी,
कर्म का मर्म सिखाइएगा॥

तुम्हारे बच्चों को कष्टों में आज याद हुई।
तुम्हारे आने से पूरी सभी मुराद हुई॥
गुलामख़ानों में राष्ट्रीयता आबाद हुई।
मादरे हिंद यों बोली कि मैं आज़ाद हुई॥
हाँ, दीन के भ्राता, संकटत्राता,
जी की जलन बुझाइएगा॥

राष्ट्र ने कहा कि महायुद्ध का नियोग करो।
कँपा दो विश्व को, अब शक्ति का प्रयोग करो॥
हटा दो दुश्मनों को, डट के असहयोग करो।
स्वतंत्र माता को करके, स्वराज्य भोग करो॥
हाँ, हिंसा-हारी, शस्त्र-प्रहारी,
रार की रीति सिखाइएगा॥

- Advertisement -

Subscribe to Our Newsletter

- Advertisement -

- YOU MAY ALSO LIKE -