हिरोशिमा की पीड़ा – अटल बिहारी वाजपेयी | Hiroshima Ki Peeda – Atal Bihari Vajpayee
किसी रात कोमेरी नींद अचानक उचट जाती हैआँख खुल जाती हैमैं सोचने लगता हूँ किजिन वैज्ञानिकों ने अणु अस्त्रों काआविष्कार किया थावे हिरोशिमा-नागासाकी के भीषणनरसंहार …
किसी रात कोमेरी नींद अचानक उचट जाती हैआँख खुल जाती हैमैं सोचने लगता हूँ किजिन वैज्ञानिकों ने अणु अस्त्रों काआविष्कार किया थावे हिरोशिमा-नागासाकी के भीषणनरसंहार …
जीवन बीत चला कल कल करते आजहाथ से निकले सारेभूत भविष्य की चिंता मेंवर्तमान की बाज़ी हारेपहरा कोई काम न आयारसघट रीत चलाजीवन बीत चला हानि लाभ के पलड़ों मेंतुलता …
ख़ून क्यों सफ़ेद हो गया?भेद में अभेद खो गया।बँट गये शहीद, गीत कट गए,कलेजे में कटार दड़ गई।दूध में दरार पड़ गई। खेतों में बारूदी गंध,टूट गये नानक के छंदसतलुज सहम …
न मैं चुप हूँ न गाता हूँ सवेरा है मगर पूरब दिशा मेंघिर रहे बादलरूई से धुंधलके मेंमील के पत्थर पड़े घायलठिठके पाँवओझल गाँवजड़ता है न गतिमयता स्वयं को दूसरों की …
कर्म के योगी, शक्ति-प्रयोगी,देश-भविष्य सुधारिएगा।हाँ, वीर-देश के दीन देश के,जीवन-प्राण पधारिएगा। तुम्हारा कर्म—चढ़ाने को हमें डोर हुआ।तुम्हारी बातों से दिल में …
बहिन आज फूली समाती न मन में।तड़ित् आज फूली समाती न घन में॥घटा है न फूली समाती गगन में।लता आज फूली समाती न वन में॥ कहीं राखियाँ हैं चमक है कहीं पर,कहीं बूँद है, …
नीलांबर परिधान हरित तट पर सुन्दर है।सूर्य-चन्द्र युग मुकुट, मेखला रत्नाकर है॥नदियाँ प्रेम प्रवाह, फूल तारे मंडन हैं।बंदीजन खग-वृन्द, शेषफन सिंहासन है॥ करते …
भारत माता का मंदिर यहसमता का संवाद जहाँ,सबका शिव कल्याण यहाँ हैपावें सभी प्रसाद यहाँ । जाति-धर्म या संप्रदाय का,नहीं भेद-व्यवधान यहाँ,सबका स्वागत, सबका आदरसबका …
दोनों ओर प्रेम पलता है।सखि, पतंग भी जलता है हा!दीपक भी जलता है! सीस हिलाकर दीपक कहता–’बन्धु वृथा ही तू क्यों दहता?’पर पतंग पड़ कर ही रहता कितनी विह्वलता …
किसी जन ने किसी से क्लेश पायानबी के पास वह अभियोग लाया।मुझे आज्ञा मिले प्रतिशोध लूँ मैं।नहीं निःशक्त वा निर्बोध हूँ मैं।उन्होंने शांत कर उसको कहा योंस्वजन मेरे …
मत्त-सा नहुष चला बैठ ऋषियान मेंव्याकुल से देव चले साथ में, विमान मेंपिछड़े तो वाहक विशेषता से भार कीअरोही अधीर हुआ प्रेरणा से मार कीदिखता है मुझे तो कठिन मार्ग …
तेरे घर के द्वार बहुत हैं,किसमें हो कर आऊं मैं?सब द्वारों पर भीड़ मची है,कैसे भीतर जाऊं मैं? द्वारपाल भय दिखलाते हैं,कुछ ही जन जाने पाते हैं,शेष सभी धक्के खाते …
उस काल मारे क्रोध के तन काँपने उसका लगा,मानों हवा के वेग से सोता हुआ सागर जगा।मुख-बाल-रवि-सम लाल होकर ज्वाल सा बोधित हुआ,प्रलयार्थ उनके मिस वहाँ क्या काल ही …
नर हो, न निराश करो मन को कुछ काम करो, कुछ काम करोजग में रह कर कुछ नाम करोयह जन्म हुआ किस अर्थ अहोसमझो जिसमें यह व्यर्थ न होकुछ तो उपयुक्त करो तन कोनर हो, न …
जो तुम आ जाते एक बार कितनी करूणा कितने संदेशपथ में बिछ जाते बन परागगाता प्राणों का तार तारअनुराग भरा उन्माद राग आँसू लेते वे पथ पखारजो तुम आ जाते एक बार हँस …
जोर भयो तन काम को आयो प्रकट बसंत ।बाढ़यो तन में अति बिरह भो सब सुख को अंत ।।1।। चैन मिटायो नारि को मैन सैन निज साज ।याद परी सुख देन की रैन कठिन भई आज ।।2।। परम …
कहाँ हौ ऐ हमारे राम प्यारे ।किधर तुम छोड़कर मुझको सिधारे ।। बुढ़ापे में ये दु:ख भी देखना था।इसी के देखने को मैं बचा था ।। छिपाई है कहाँ सुन्दर वो मूरत ।दिखा दो …
आना राजा बन्दर का बीच सभा के,सभा में दोस्तो बन्दर की आमद आमद है।गधे औ फूलों के अफसर जी आमद आमद है।मरे जो घोड़े तो गदहा य बादशाह बना।उसी मसीह के पैकर की आमद आमद …
इन दुखियन को न चैन सपनेहुं मिल्यौ,तासों सदा व्याकुल बिकल अकुलायँगी। प्यारे ‘हरिचंद जूं’ की बीती जानि औध, प्रानचाहते चले पै ये तो संग ना समायँगी। …
धन्य ये मुनि वृन्दाबन बासी।दरसन हेतु बिहंगम ह्वै रहे, मूरति मधुर उपासी।नव कोमल दल पल्लव द्रुम पै, मिलि बैठत हैं आई।नैनन मूँदि त्यागि कोलाहल, सुनहिं बेनु धुनि …
हरि-सिर बाँकी बिराजै।बाँको लाल जमुन तट ठाढ़ो बाँकी मुरली बाजै।बाँकी चपला चमकि रही नभ बाँको बादल गाजै।’हरीचंद’ राधा जू की छबि लखि रति मति गति भाजै॥
सखी री ठाढ़े नंदकिसोर।वृंदाबन में मेहा बरसत, निसि बीती भयो भोर।नील बसन हरि-तन राजत हैं, पीत स्वामिनी मोर।’हरीचंद’ बलि-बलि ब्रज-नारी, सब ब्रजजन-मनचोर॥
बँसुरिआ मेरे बैर परी।छिनहूँ रहन देति नहिं घर में, मेरी बुद्धि हरी।बेनु-बंस की यह प्रभुताई बिधि हर सुमति छरी।’हरीचंद’ मोहन बस कीनो, बिरहिन ताप करी॥
लिखाय नाहीं देत्यो पढ़ाय नाहीं देत्यो।सैयाँ फिरंगिन बनाय नाहीं देत्यो॥लहँगा दुपट्टा नीको न लागै।मेमन का गाउन मँगाय नाहीं देत्यो।वै गोरिन हम रंग सँवलिया।नदिया प …