POET: शिवमंगल सिंह सुमन - ShivMangal Singh Suman
शिवमंगल सिंह सुमन - ShivMangal Singh Suman
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ | Toofanon Ki Or Ghuma Do Navik – Shivmangal Singh “Suman”
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
आज सिन्धु ने विष उगला हैलहरों का यौवन मचला हैआज हृदय में और सिन्धु मेंसाथ उठा है...
शिवमंगल सिंह सुमन - ShivMangal Singh Suman
चलना हमारा काम है – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ | Chalna Humara Kaam Hai – Shivmangal Singh “Suman”
गति प्रबल पैरों में भरीफिर क्यों रहूं दर दर खडाजब आज मेरे सामनेहै रास्ता इतना पडाजब तक न मंजिल पा सकूँ,तब तक मुझे न...
शिवमंगल सिंह सुमन - ShivMangal Singh Suman
हम पंछी उन्मुक्त गगन के – शिवमंगल सिंह सुमन | Hum Panchhi Unmukt Gagan Ke – ShivMangal Singh Suman
हम पंछी उन्मुक्त गगन केपिंजरबद्ध न गा पाऍंगेकनक-तीलियों से टकराकरपुलकित पंख टूट जाऍंगे।
हम बहता जल पीनेवालेमर जाऍंगे भूखे-प्यासेकहीं भली है कटुक निबोरीकनक-कटोरी की मैदा...
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