पुष्प की अभिलाषा – माखनलाल चतुर्वेदी | Pushp Ki Abhilasha – Makhanlal Chaturvedi चाह नहीं मैं सुरबाला केगहनों में गूँथा जाऊँ चाह नहीं, प्रेमी-माला मेंबिंध प्यारी को ललचाऊँ चाह नहीं, सम्राटों के शवपर हे हरि, डाला जाऊँ चाह नहीं, देवों के सिर … Read moreपुष्प की अभिलाषा – माखनलाल चतुर्वेदी | Pushp Ki Abhilasha – Makhanlal Chaturvedi