अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
जन्मभूमि – अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ | Janmbhoomi – Ayodhya Singh Upadhyay “Hariaudh”
सुरसरि सी सरि है कहाँ मेरु सुमेर समान।जन्मभूमि सी भू नहीं भूमण्डल में आन।। प्रतिदिन पूजें भाव से चढ़ा भक्ति के फूल।नहीं जन्म भर हम सके जन्मभूमि को भूल।। पग सेवा है जननि की जनजीवन का सार।मिले राजपद भी रहे जन्मभूमि रज प्यार।। आजीवन उसको गिनें सकल अवनि सिंह मौर।जन्मभूमि जल जात के बने रहे…
अटल बिहारी वाजपेयी
कवि आज सुना वह गान रे – अटल बिहारी वाजपेयी | Kavi Suna Wah Gaan Re – Atal Bihari Vajpayee
कवि आज सुना वह गान रे,जिससे खुल जाएँ अलस पलक।नस–नस में जीवन झंकृत हो,हो अंग–अंग में जोश झलक। ये – बंधन चिरबंधनटूटें – फूटें प्रासाद गगनचुम्बीहम मिलकर हर्ष मना डालें,हूकें उर की मिट जाएँ सभी। यह भूख – भूख सत्यानाशीबुझ जाय उदर की जीवन में।हम वर्षों से रोते आएअब परिवर्तन हो जीवन में। क्रंदन –…