Poetsअटल बिहारी वाजपेयी - Atal Bihari Vajpayee पुनः चमकेगा दिनकर – अटल बिहारी वाजपेयी | Punah Chamkega Dinkar – Atal Bihari Vajpayee By Team Kavitayen - September 30, 2021 0 77 FacebookTwitterPinterestWhatsApp आज़ादी का दिन मना,नई ग़ुलामी बीच;सूखी धरती, सूना अंबर,मन-आंगन में कीच;मन-आंगम में कीच,कमल सारे मुरझाए;एक-एक कर बुझे दीप,अंधियारे छाए;कह क़ैदी कबिरायन अपना छोटा जी कर;चीर निशा का वक्षपुनः चमकेगा दिनकर।