POET: गोपाल सिंह नेपाली - Gopal Singh Nepali

दीपक जलता रहा रात भर – गोपाल सिंह नेपाली | Deepak Jalta Raha Raat Bhar – Gopal Singh Nepali

एकदुख की घनी बनी अँधियारीसुख के टिमटिम दूर सितारेउठती रही पीर की बदलीमन के पंछी उड़-उड़ हारेबची रही प्रिय आँखों सेमेरी कुटिया एक किनारेमिलता...

हिमालय से भारत का नाता – गोपाल सिंह नेपाली | Himalay Se Bharat Ka Naata – Gopal Singh Nepali

इतनी ऊँची इसकी चोटी कि सकल धरती का ताज यहीपर्वत से भरी धरा पर केवल पर्वतराज यहीअंबर में सिर, पाताल चरणमन इसका गंगा का...

Subscribe to our newsletter

Stay updated with all the latest poetries.

- ADVERTISEMENT -