POET: अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ - Ayodhya Singh Upadhyay "Hariaudh"

जन्‍मभूमि – अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ | Janmbhoomi – Ayodhya Singh Upadhyay “Hariaudh”

सुरसरि सी सरि है कहाँ मेरु सुमेर समान।जन्मभूमि सी भू नहीं भूमण्डल में आन।। प्रतिदिन पूजें भाव से चढ़ा भक्ति के फूल।नहीं जन्म भर हम...

कर्मवीर – अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ | Karamveer – Ayodhya Singh Upadhyay “Hariaudh”

देख कर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहींरह भरोसे भाग्य के दुख भोग पछताते नहींकाम कितना ही कठिन हो किन्तु उकताते नहींभीड़ में चंचल...

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