युग युग से है अपने पथ परदेखो कैसा खड़ा हिमालय!डिगता कभी न अपने प्रण सेरहता प्रण पर अड़ा हिमालय! जो जो भी बाधायें आईंउन सब से ही लड़ा हिमालय,इसीलिए तो दुनिया भर मेंहुआ सभी से बड़ा हिमालय! अगर न करता काम कभी कुछरहता हरदम पड़ा हिमालय,तो भारत के शीश चमकतानहीं मुकुट–सा जड़ा हिमालय! खड़ा हिमालय […]
सोहन लाल द्विवेदी - Sohan Lal Dwivedi
बढ़े चलो, बढ़े चलो – सोहन लाल द्विवेदी | Badhe Chalo, Badhe Chalo – Sohan Lal Dwivedi
न हाथ एक शस्त्र हो,न हाथ एक अस्त्र हो,न अन्न वीर वस्त्र हो,हटो नहीं, डरो नहीं,बढ़े चलो, बढ़े चलो रहे समक्ष हिम-शिखर,तुम्हारा प्रण उठे निखर,भले ही जाए जन बिखर,रुको नहीं, झुको नहीं,बढ़े चलो, बढ़े चलो घटा घिरी अटूट हो,अधर में कालकूट हो,वही सुधा का घूंट हो,जिये चलो, मरे चलो,बढ़े चलो, बढ़े चलो गगन उगलता आग […]
कोशिश करने वालों की – सोहन लाल द्विवेदी | Koshish Karne Walon Ki – Sohan Lal Dwivedi
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। डुबकियां सिंधु […]