POET: सर्वेश्वरदयाल सक्सेना - Sarveshwar Dayal Saxena

मुक्ति की आकांक्षा – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना | Mukti Ki Akanksha – Sarveshwar Dayal Saxena

चिड़िया को लाख समझाओकि पिंजड़े के बाहरधरती बहुत बड़ी है, निर्मम है,वहॉं हवा में उन्‍हेंअपने जिस्‍म की गंध तक नहीं मिलेगी। यूँ तो बाहर समुद्र...

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