POET: सोहन लाल द्विवेदी - Sohan Lal Dwivedi

हिमालय – सोहन लाल द्विवेदी | Himalaya – Sohan Lal Dwivedi

युग युग से है अपने पथ परदेखो कैसा खड़ा हिमालय!डिगता कभी न अपने प्रण सेरहता प्रण पर अड़ा हिमालय! जो जो भी बाधायें आईंउन सब...

बढ़े चलो, बढ़े चलो – सोहन लाल द्विवेदी | Badhe Chalo, Badhe Chalo – Sohan Lal Dwivedi

न हाथ एक शस्त्र हो,न हाथ एक अस्त्र हो,न अन्न वीर वस्त्र हो,हटो नहीं, डरो नहीं,बढ़े चलो, बढ़े चलो रहे समक्ष हिम-शिखर,तुम्हारा प्रण उठे निखर,भले...

कोशिश करने वालों की – सोहन लाल द्विवेदी | Koshish Karne Walon Ki – Sohan Lal Dwivedi

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,चढ़ती दीवारों पर, सौ...

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