POET: Poets
गोपाल सिंह नेपाली - Gopal Singh Nepali
दीपक जलता रहा रात भर – गोपाल सिंह नेपाली | Deepak Jalta Raha Raat Bhar – Gopal Singh Nepali
एकदुख की घनी बनी अँधियारीसुख के टिमटिम दूर सितारेउठती रही पीर की बदलीमन के पंछी उड़-उड़ हारेबची रही प्रिय आँखों सेमेरी कुटिया एक किनारेमिलता...
गोपाल सिंह नेपाली - Gopal Singh Nepali
हिमालय से भारत का नाता – गोपाल सिंह नेपाली | Himalay Se Bharat Ka Naata – Gopal Singh Nepali
इतनी ऊँची इसकी चोटी कि सकल धरती का ताज यहीपर्वत से भरी धरा पर केवल पर्वतराज यहीअंबर में सिर, पाताल चरणमन इसका गंगा का...
द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी - Dwarika Prasad Maheshwari
उठो धरा के अमर सपूतो – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी | Utho Dhara Ke Amar Saputon – Dwarika Prasad Maheshwari
उठो धरा के अमर सपूतोपुनः नया निर्माण करो।जन जन के जीवन में फिर सेनई स्फूर्ति, नव प्राण भरो।
नया प्रात है, नई बात है,नई किरण...
सुभद्राकुमारी चौहान | Subhadrakumari Chauhan
कोयल – सुभद्रा कुमारी चौहान | Koyal – Subhadra Kumari Chauhan
देखो कोयल काली हैपर मीठी है इसकी बोलीइसने ही तो कूक–कूक करआमों में मिसरी घोली
कोयल कोयल सच बतलाओक्या संदेशा लाई होबहुत दिनों के बाद...
प्रदीप - Pradeep
खिलौना माटी का – प्रदीप | Khilona Maati Ka – Pradeep
तूने खूब रचा भगवान्खिलौना माटी काइसे कोई ना सका पहचानखिलौना माटी का
वाह रे तेरा इंसान विधाताइसका भेद समझ में ना आताधरती से है इसका...
प्रदीप - Pradeep
अपनी माँ की किस्मत पर मेरे बेटे तू मत रो – प्रदीप | Apni Maa Ki Kismat Par Mere Bete Tu Mat Ro –...
अपनी माँ की किस्मत पर मेरे बेटे तू मत रोमैं तो काँटों में जी लुंगी जा तू फूलों पर सोअपनी माँ की किस्मत पर...
तू...
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